पछे जदी वींका ग्यारई चेला रोट्याँ खारिया हा, ईसू वाँका मुण्डागे परगट व्या अन वे वाँने वाँका बना विस्वास, कल्डा मन के वाते फटकारिया, काँके वणा वाँका हमच्यार को विस्वास ने किदो हो, जणा ईसू ने जीवता व्या केड़े देक्या हा।
ईसू गुस्सा में हा जद्याँ वणा च्यारूँमेर वाँने देक्या, पण वीं वाँकी बुरई अन हठ ने देकन घणा दकी व्या। पछे वीं मनकऊँ क्यो, “थारो हात लाम्बो कर।” वणी हात लाम्बो किदो अन वींको हात हव वेग्यो।