12 तो ईसू लाम्बो हाँ लेन वाँने क्यो, “ईं पीड़ी का मनक कस्योई निसाण काँ देकबो छावे? मूँ थाँने हाचेई केवूँ हूँ ईं जुग का मनकाँ ने कस्योई निसाण ने दिदो जाई।”
ईंपे कुई सास्तरी अन फरीसी ईसुऊँ क्यो, “हो गरू, माँ थाँका हाताँ को कई परच्यो देकणा छावाँ हा।”
ईं जुग का हूँगला अन कुकरमी मनक हेन्याण की मांग करे हे, पण योना का हेन्याण ने छोड़ वाँने ओरू कुई हेन्याण ने दिदो जाई।” अन पछे ईसू वाँने छोड़न परोग्यो।
ईसू गुस्सा में हा जद्याँ वणा च्यारूँमेर वाँने देक्या, पण वीं वाँकी बुरई अन हठ ने देकन घणा दकी व्या। पछे वीं मनकऊँ क्यो, “थारो हात लाम्बो कर।” वणी हात लाम्बो किदो अन वींको हात हव वेग्यो।
लोगाँ ने विस्वास ने करता देकन ईसू ने घणो अचम्बो व्यो। पछे ईसू गामाँ में ग्यो अन च्यारूँमेर उपदेस देतो रियो।
पछे हरग आड़ी देकन, लाम्बो हाँ लेन क्यो, “इप्फाता”, ईंको मतलब हे “खुल जा।”
पछे वो वाँने छोड़न पाछो नाव में आग्यो अन समन्द का पेला पाल्ड़े परोग्यो।
पछे ईसू वाँने क्यो, “अरे बना विस्वास का मनक, मूँ थाँकी लारे कतरा दन तईं रेऊँ? अन कतरा दन थाँकी बाताँ ने सेण करूँ। छोरा ने मारा नके लावो।”
जद्याँ ईसू यरूसलेम का नके आया, तो वींने देकन वी रोबा लागा।