33 ईसू वींने भीड़ऊँ एक आड़ी लेग्या अन आपणी आँगळी वींका कान्दड़ा में नाकी अन पछे वणा थूँक्यो अन वीं मनक की जीब के हात अड़ायो।
तद्याँ वाँकाणी ईसू का मुण्डा पे थूँक्यो अन वींके लाता-गुमा मेल्या, अन कणी दूजाँ वींके रेपटाँ मेलन क्यो,
ईं बात पे वाँ लोगाँ वींकी रोळ किदी। पछे वणा हंगळा लोगाँ ने बारणे खन्दा दिदा अन बाळकी का बई-बापू अन आपणाँ तीन चेला ने लेन वीं ओवरा में ग्या, जटे बाळकी ही।
वणा आन्दा मनक को हात पकड़्यो अन वींने गाम का बारणे लेग्या। वणा वींकी आक्याँ पे थूँक्यो। आपणो हात वींपे मेल्यो अन वींने पूँछ्यो “कई, थने दिकरियो हे?”