ईसू क्यो, “खुराजीन अन बेतसेदा नगर का लोगाँ, थाँने धिकार हे, काँके जीं परच्या बताया ग्या, यद्याँ वीं सूर अन सेदा नगर में किदा जाता, तो वटे का मनक बोरी का गाबा पेरन अन आपणाँ सरीर पे वानी लगान कदी का पापऊँ मन फेर लेता।
जद्याँ ईसू गलील का समन्द का नके वेन जारियो हा। वटे वणा दो हगा भई समोन ज्यो पतरस केवातो हो अन वींका भई अन्दरियास ने समन्द में आपणाँ जाळ नाकता तका देक्या। काँके वीं माछळी पकड़बावाला हा।
ईं वाते गलील देस, दस नगराँ को गामाँ की जगाँ जिंने दिकापुलिस केता हा, यरूसलेम, यहूदियाँ अन यरदन नंदी की पेले पाल्डे का मनकाँ की मोटी-मोटी टोळी वाँका नके आबा लागी।
ईं वाते वो वटूँ परोग्यो अन दस गामाँ का हिमाड़ा जिंने दिकापुलिस केता हा, वटा का मनकाँ ने बताबा लागो के, ईसू मारा वाते कतरो मोटो काम किदो हे। तद्याँ हाराई अचम्बा में पड़ग्या।
पछे ईसू वाँ जगाँ छोड़ दिदी अन सूर सेर के अड़े-भड़े का परदेस में निकळग्यो। वटे वो एक घर में ग्यो अन वो ने छातो हो के, किंने भी वींके आबा को पतो चाले, पण वो खुद ने हपा ने सक्यो।