29 पछे ईसू वींने क्यो, “थाँरा ईं जवाब के मस, थूँ आपणाँ घरे परी जा, हुगली आत्मा थारी छोरी ने छोड़न बारणे निकळगी हे।”
“धन्ने हे वीं ज्यो हरदाऊँ गरीब हे, काँके हरग को राज वाँकोइस हे।
लुगई वींने जबाव दिदो, “हो परबू जी, गण्डकड़ा भी तो छोरा-छोरी का पड़या तका खाणा का टुका खा लेवे हे।”
तो वा घरे परीगी अन आपणी बेटी ने माचा पे हुती तकी देकी। हुगली आत्मा वींऊँ बारणे निकळगी ही।
ज्यो भी मनक पाप करतो रेवे हे, वो सेतान को हे, काँके सेतान सरुआतऊँ पाप करतो आयो हे। ईं वाते तो परमेसर को बेटो परगट व्यो, ताँके वो सेतान का कामाँ ने नास कर देवे।