24 पछे ईसू वाँ जगाँ छोड़ दिदी अन सूर सेर के अड़े-भड़े का परदेस में निकळग्यो। वटे वो एक घर में ग्यो अन वो ने छातो हो के, किंने भी वींके आबा को पतो चाले, पण वो खुद ने हपा ने सक्यो।
ईसू क्यो, “खुराजीन अन बेतसेदा नगर का लोगाँ, थाँने धिकार हे, काँके जीं परच्या बताया ग्या, यद्याँ वीं सूर अन सेदा नगर में किदा जाता, तो वटे का मनक बोरी का गाबा पेरन अन आपणाँ सरीर पे वानी लगान कदी का पापऊँ मन फेर लेता।