10 काँके मूसे क्यो हो, ‘ज्यो आपणाँ बई-बापू को आदर ने करे अन अपमान करे, वींने मार देणो छावे।’
काँके परमेसर क्यो, ‘आपणाँ बई-बापू को मान राकज्ये’, अन ‘ज्यो कुई बाप कन बई ने बुरो केवे, वीं मोत का घाट ऊतारिया जावे।’
थूँ परमेसर की आग्या जाणे हे, ‘हत्या ने करणी, कुकरम ने करणा, चोरी ने करणी, जूटी गवई ने देणी, छळ मत करज्ये अन आपणाँ बई-बापू को मान राकज्ये।’”