54 जद्याँ वे नावऊँ उतरन बारणे आया, तद्याँ लोग-बाग ईसू ने तरत ओळक लिदा हाँ।
समन्द पार करबा केड़े, वीं गन्नेसरत नगर में पूग्या अन वटे नाव ने बांद दिदी।
पछे वे लोग च्यारूँमेर दोड़न ग्या अन हंगळा जणा ने यो बतायो के, ईसू वटे हे, तो मनक माँदा मनकाँ ने माचा पे हूँवाणन वटे लेग्या।
जद्याँ अस्यान व्यो तो वीं टापू का हंगळा माँदा मनक वटे आया अन वीं हाराई हव वेग्या
मूँ मसी ने जाणणो अन वाँकी मरन जी उठबा की सगती ने मेसूस करणो छारियो हूँ अन वाँका दुक में भागी वेन वाँकी मोत में वाँके जस्यान वेणो छारियो हूँ।