38 ईसू वाँने क्यो, “जावो अन देको, थाँका नके कतरी रोट्याँ हे?” वणा पतो करन वाँकाऊँ क्यो, “आपणाँ नके पाँच रोट्याँ अन दो माछळ्याँ हे।”
ईसू वाँकाऊँ पूँछ्यो, “थाँका नके कतरी रोट्याँ हे?” वाँकाणी क्यो, “हात, अन थोड़ीक फोरी माछळ्याँ हे।”
पण, ईसू चेलाऊँ क्यो, “वाँने खाबा का वाते थाँ कई दो।” तद्याँ वाँ वींने क्यो, “कई थें छावो के, माँ जावाँ? अन दोस्ये चान्दी का रिप्या की रोट्याँ मोल लेन आवा अन वाँने खाबा ने देवाँ।”
पछे वणा चेला ने आग्या दिदी, “लिली-लिली चुंटी पे अणा हंगळा ने पंगताँ में बेठाण दो।”
पछे ईसू वाँने पूँछ्यो, “थाँका नके कतरी रोट्याँ हे?” वाँकाणी जबाव दिदो “हात।”
ईसू वाँकाऊँ क्यो, “थाँईस अणाने खाबा ने दो।” वणा क्यो, “माँके नके पाँच रोट्याँ अन दो माछळ्याँ छोड़न ओर कई ने हे। पण, कटे थाँ यो तो ने छावो हो के, माँ जावा अन अणा हाराई का वाते खाणो मोल लेन आवा।”
“अटे एक छोरा के नके पाँच जो की रोट्याँ अन दो माछळ्याँ हे, पण अतरा लोगाँ में अणाऊँ कई वेई?”