36 मनकाँ ने अड़े-भड़े का गामाँ अन वस्तायाँ में जाबा दो, ताँके वे आपणाँ वाते खाबा ने कई चीज मोल ले सके।”
पण ईसू वींने कई जवाब ने दिदो। तद्याँ वाँका चेला आन वींऊँ अरज करबा लागा, “ईंने जाबा का वाते किदो, काँके वाँ आपणाँ पाच्छे हाका-भार मेलती तकी आरी हे।”
ईंपे पतरस वींने दूजी आड़ी लेजान तापड़्यो अन क्यो, “हो परबू, परमेसर ओ ने करे! थाँका हाते अस्यान कदी भी ने वेई।”
जद्याँ वाँका परवार का लोगाँ यो हुण्यो, तो वीं वाँने लेबा निकळग्या, काँके कुई मनकाँ क्यो के, वींको मन ठाणे कोयने हे।
तद्याँ वींका चेला वींने क्यो, थूँ देकरियो हे के, भीड़ थाँने च्यारूँमेरऊँ दबाती जारी हे अन तुई थाँ पूँछरिया हो के, “मारे कूण अड़्यो?”
जद्याँ हाँज पड़गी, तद्याँ वाँका चेला वाँका नके आया अन बोल्या, “आ एक काकड़ की जगाँ हे अन अन्दारो भी घणो वेग्यो हे।
पण, ईसू चेलाऊँ क्यो, “वाँने खाबा का वाते थाँ कई दो।” तद्याँ वाँ वींने क्यो, “कई थें छावो के, माँ जावाँ? अन दोस्ये चान्दी का रिप्या की रोट्याँ मोल लेन आवा अन वाँने खाबा ने देवाँ।”