31 वटे घणा मनक आरिया जारिया हा, ईं वाते वाँने खाणो खाबा को टेम भी ने मल पारियो हो। ईं वाते ईसू वाँने क्यो, “चालो, आपाँ हून्नी जगाँ पे चाला अन थोड़ोक रईम्बो ला।”
जद्याँ ईसू ओ हुण्यो, तो वो नाव पे चड़न वटूँ कणी हून्नी जगाँ में परोग्यो। लोगाँ ओ हुणन समन्द का कनारे-कनारे वाँका पाच्छे वेग्या।
पण, वो बारणे जान चोड़े-धाड़े ईं बात को परच्यार करबा लागो। ईं वाते ईसू कदी नगर में चोड़े-धाड़े ने जा सक्या, पण वीं हून्नी जगाँ में रेरिया हा अन मनक हर कटूँई वाँका नके आता रिया।
तद्याँ वीं घरे पराग्या, जटे एक दाण पाच्छी अतरी हेली भीड़ अगेटी वेगी ही के, ईसू अन वाँका चेला खाणो तक ने खा सक्या।
ईसू आपणाँ चेला की लारे गलील समन्द पे पराग्या, वाँका पाच्छे गलीलऊँ घणी भीड़ वेगी ही, वे यहूदियाँ,
ईंका केड़े ईसू गलील समन्द के पेली पार ग्या, जिंने तिबिरियस समन्द भी केता हा।