9 तद्याँ ईसू वींने पूँछ्यो, “थारो नाम कई हे?” वणी क्यो, “मारो नाम टोळी हे, काँके माँ नरई हा।”
तद्याँ वाँ जान आपणाँऊँ ओरी हुगली हात आत्माने आपणाँ हाते ले आवे हे, अन वीं वींमें धसने वटे वास करे हे, अन वीं मनक की पाछली दसा पेल्याऊँ भी हुगली वे जावे हे। ईं जुग का हूँगला मनकाँ की दसा भी अस्यानीस वेई।”
कई थाँ ने जाणे के, मूँ आपणाँ बापूऊँ अरज कर सकूँ हूँ, अन वो हरग दुताँ की बाराई फोजाऊँ हेला मारा नके अबाणू भेळा कर देई?
वणी ईसुऊँ नरी दाण हाता-जोड़ी किदी के, वो वाँने ईं जगाऊँ ने खन्दावे।
वीं ईसू का नके ग्या अन देक्यो के, वो मनक, जिंमें नरी हुगली आत्मा रेती ही, वींने गाबा पेरियो तको अन पुरी तरियाऊँ ठीक वेन वटे बेटो तको देकन वीं दरपग्या हा।
वणी ओ ईं वाते क्यो, काँके ईसू वींने क्यो हो, “ए हुगली आत्मा, ईं मनकऊँ बारणे निकळजा।”
ईसू वींने पूँछ्यो, “थारो नाम कई हे?” वणी क्यो, “मारो नाम टोळी हे।” काँके नरी हुगली आत्मा वींका में ही।