5 वो रात-दन कबराँ की जगाँ में अन मंगरा में हाको करतो अन खुद के भाटाऊँ चिरा पाड़न खुद ने लोया-जाळ करतो।
काँके वींने घणी दाण बाद्यो, पण वो हाँकळा ने तोड़ देतो अन बेड़ियाँ का भी टुका-टुका कर देतो अन कुई भी वींने आपणाँ काबू में ने कर पातो।
वणी जद्याँ छेटीऊँ ईसू ने देक्या, तो वो वाँका आड़ी दोड़्यो अन वाँके पगाँ पड़ग्यो।
थाँको बाप तो सेतान हो अन थाँ वींकी मरजी ने पुरी करणा छावो हो। वो तो ठेटऊँ हत्यारो हो। वो कदी भी हाँच का आड़ी ने रियो, काँके वींमें हाँच कोयने हे, जद्याँ वो जूट बोले हे, तो आपणाँ हाव-भाव के तरिया बोले हे। काँके वो जूटो हे अन हरेक जूट को बाप हे।