39 वो मयने ग्यो अन वाँकाऊँ क्यो, “यो रोणो-धोणो अन हाका-भार काँ कररिया हो? बाळकी मरी कोयने, वाँ तो हुती तकी हे।”
जद्याँ ईसू क्यो, “छेटी वे जावो, बाळकी मरी कोयने हे, वा तो हूँ री हे।” ईं बात पे वीं मनक वींकी रोळ करबा लागा।
यहूदी परातना घर का मुक्या का घरे ग्यो अन देक्यो के वटे लोग-बाग जोरऊँ रोरिया हा अन हाका-भार कररिया हा।
ईं बात पे वाँ लोगाँ वींकी रोळ किदी। पछे वणा हंगळा लोगाँ ने बारणे खन्दा दिदा अन बाळकी का बई-बापू अन आपणाँ तीन चेला ने लेन वीं ओवरा में ग्या, जटे बाळकी ही।
पण पोलुस रेटे आन वींने बाँत में लिदो अन क्यो, “घबरावो मती, काँके ईंको जीव ने निकळ्यो हे”
अणीऊँ थाँकामूँ नरई कमजोर अन मान्दा हे अन कुई तो मर भी ग्या हे।
ईसू मसी आपाँ वाते ईं वजेऊँ मरिया हाँ के, आपाँ पलई जीवता वा कन पलई वाँके आबाऊँ पेल्याँ मरी जावा, पण हाराई मलन वाँका हाते जीवा।