ईसू वाँकाऊँ या बाताँ केईसरियो हो अन एक परातना घर को मुक्यो आन वाँके आगे गोड़ टेकन अरज किदी के, “मारी नान्नीक छोरी अबाणू मरगी हे, पण थाँ चालन थाँको हात वाँका माता पे मेली दो तो वाँ पाच्छी जीवती वे जाई।”
अन जदी ईसू निकळन गेला में जारिया हा, तो एक मनक वाँका आड़ी दोड़तो तको आयो, अन वाँका हामे गोडा टेकन क्यो, “ओ हाँचा गरुजी, अनंत जीवन पाबा का वाते मने कई करणो छावे?”
ईसू वींने क्यो, “जीवन मारा में हे अन मरिया केड़े पाछो जीवतो वेणो मारा में हे। ज्यो कुई मारा पे विस्वास करी, वीं यद्याँ मर भी जाई तद्याँ भी पाच्छा जी उटी।