34 ईसू वींने क्यो, “हे बेटी, थाँरा विस्वासऊँ थूँ हव वेगी हे। सान्तीऊँ जा, थारी मांदकी छेटी वेगी हे।”
लोग-बाग एक माँदा ने माचा पे हुवाण वाँके नके लाया, ईसू वाँका विस्वास ने देकन वणी लकवा का माँदा मनकऊँ क्यो, “बाळक हिम्मत राक, थाँरा पाप माप वेग्या हे।”
ईसू पाछो फरन वींने देकी अन क्यो, “हे बेटी हिम्मत राक, थारे विस्वास थने हव कर दिदी हे।” वाँ लुगई वणीस दाण एकदम आपणी मादंगीऊँ हव वेगी।
जद्याँ ईसू बोल्यो, “परोजा, थाँरा विस्वासऊँ थूँ हव वेग्यो हे।” पछे वो वणीस दाण देकबा लाग्यो अन गेला में ईसू का पाच्छे चाल पड़्यो।
अबे रूँकड़ा की जड़ा काटबा का वाते कराड़ो मेल्यो ग्यो हे। जीं रूँकड़ा हव फळ ने देई वाँने काट्या जाई अन वादी में नाक दिदो जाई।
अन पछे तरत वींके परदा की मांदकी हव वेगी अन वींने आपणाँ डील में अस्यान मेसूस व्यो के, वींको रोग हव वेग्यो हे।
पछे, वा लुगई यो जाणती तकी के वींने कई व्यो हे, ईं वाते वाँ दरपऊँ धूजती तकी ईसू का हामे अई अन वींका पगाँ पड़न हंगळी बात सई-सई के दिदी।
पछे ईसू वणीऊँ क्यो, “ऊबो वे अन परोजा। थाँरा विस्वास थने हव किदो हे।”
ईसू वणीऊँ क्यो, “देकबा लागज्या, थारे विस्वासईस थने हव किदो हे।”
पण ईसू वी लुगईऊँ क्यो, “थाँरा विस्वासऊँ थूँ बंचगी हे, राजी खुसीऊँ परी जा।”
ईसू वणी लुगईऊँ क्यो, “हे बेटी थाँरे विस्वासईस थने हव किदी हे, राजी खुसीऊँ परी जा।”
वो मनक पोलुस ने बाताँ करतो तको हुणरियो हो, पोलुस वींका आड़ी देक्यो अन होच्यो के, ईंमें हव वेबा को विस्वास हे।
वीं वटे थोड़ाक दन रेन, वटा का मनक वाँने परेमऊँ पाच्छा जटेऊँ आया हाँ वटे खन्दा दिदा।
पेरादार आ बात पोलुस ने की “हाकम थाँने छोड़ देबा को हुकम दिदो हे, ईं वाते ऊबा वो अन आरामऊँ परा जावो”
अन थाँकामूँ कुई वींने केवे के, राजी खुसीऊँ रे अन धाप्यो तको अन ऊनो रे, पण वींकी देह के जरूत की चिजाँ वींने ने देवे, तो कई फायदो?