अतराक में ईसू जी क्यो, “मारे कणी हात अड़ायो हे?” तद्याँ हाराई नटबा लागा, तो पतरस अन वाँका हण्डाळ्याँ वाँकाऊँ क्यो, “हो मालिक, थाँने तो भीड़ च्यारूँमेरऊँ गेर मेल्या हे अन हाराई थाँके ऊपरे पड़रिया हे।”
जद्याँ दन आँतबा में हो तो बाराई चेला ईसू का नके आन क्यो, “लोगाँ ने हिक दो परी, ताँके वीं अड़े-भड़े का गामाँ अन ढाण्याँ में जान रे सके अन खाणो खा सके, काँके आपीं तो अटे हुन्ना काकड़ में हा।”