3 वो कबराँ में रेतो हो अन वींने कुई भी हाकळाऊँ ने बांद सकतो हो।
जद्याँ ईसू नावऊँ बारणे आया, तो तरत एक मनक कबराऊँ निकळन वाँका नके आयो, जिंमें हुगली आत्मा ही।
काँके वींने घणी दाण बाद्यो, पण वो हाँकळा ने तोड़ देतो अन बेड़ियाँ का भी टुका-टुका कर देतो अन कुई भी वींने आपणाँ काबू में ने कर पातो।