26 वा नरई वेदजीऊँ एलाज कराती-कराती घणी दकी वेगी ही। वींका नके ज्यो भी हो, हंगळो धन खरच कर दिदो, पण वींकी हालत में कई हुदार ने व्यो, पण हालत हेली बगड़ती गी।
वटे एक लुगई ही, जिंके बारा सालऊँ लगातार परदा को रोग हो।
वणी ईसू का बारा में हुण्यो तको हो, वा भीड़-भाड़ में वाँका पाच्छे गी अन वाँका गाबा के अड़गी,
अन वाँका मूँ एक लुगई ही जिंके बारा सालऊँ परदा को रोग हो, अन जणी आपणी हारी धन-दोलत वेदऊँ एलाज करबा में खरच कर नाकी, तद्याँ भी वींके आराम ने पड़्यो हो।