25 वटे एक लुगई ही, जिंके बारा सालऊँ लगातार परदा को रोग हो।
तद्याँ ईसू वींका हाते चाल पड़्यो अन एक मोटी भीड़ वींकी लारे जारी ही, जींऊँ वो च्यारूँमेरऊँ दब्यो जारियो हो।
वा नरई वेदजीऊँ एलाज कराती-कराती घणी दकी वेगी ही। वींका नके ज्यो भी हो, हंगळो धन खरच कर दिदो, पण वींकी हालत में कई हुदार ने व्यो, पण हालत हेली बगड़ती गी।
अन देको, एक लुगई ही, जिंके अठारा वराऊँ एक दुबळी करबावाळी हुगली आत्मा लागी तकी ही अन वाँ कुबड़ी वेगी ही अन वाँ कणी भी तरियाऊँ हूँदी ने वे सकती ही।
जीं मनक पे आ करपा व्यी ही, वींकी उमर चाळी वराऊँ हेली ही।