अन हाता-जोड़ी करन बोल्यो, “मारी फोरीक छोरी मरबा ने हे। मारी परातना हे के, थूँ मारी लारे चाल अन आपणो हात वींका माता पे मेल, जींऊँ वा हव वेजा अन मरबाऊँ बंच जावे।”
जद्याँ लोग-बागाँ की भीड़ हेली वेती जारी ही, तो ईसू केबा लागा के, “अणी जुग का लोग-बाग बेण्डा हे। वीं हेन्याण मागे हे। पण, परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा योना का हेन्याण ने छोड़न कस्यो भी दूजाँ हेन्याण वाँने ने बतायो जाई।
काँके वींके एकीस छोरी ही ज्या बारा वर की ही। अन वाँ मरबा के जस्यान वेरी ही। जद्याँ ईसू वींका घरे जारिया हा, तद्याँ मनक वाँके ऊपरे च्यारूँमेरऊँ पड़बा लागा।
अतराक में ईसू जी क्यो, “मारे कणी हात अड़ायो हे?” तद्याँ हाराई नटबा लागा, तो पतरस अन वाँका हण्डाळ्याँ वाँकाऊँ क्यो, “हो मालिक, थाँने तो भीड़ च्यारूँमेरऊँ गेर मेल्या हे अन हाराई थाँके ऊपरे पड़रिया हे।”
ईसू नासरी का बारा में थाँ तो जाणो हो, परमेसर पुवितर आत्मा अन सगतिऊँ वींको तलक कस्यान किदो हो। वणी हव काम किदा अन सेतानऊँ दकी हारई जणा ने हव करतो तको च्यारूँमेर कस्यान गुमतो हो, काँके परमेसर वाँकी लारे हो।