10 वणी ईसुऊँ नरी दाण हाता-जोड़ी किदी के, वो वाँने ईं जगाऊँ ने खन्दावे।
यरूसलेमऊँ आया तका मूसा का नेमा ने हिकाबावाळा केता हा, “वींमें हुगली आत्मा को राजा, बालजेबूल धस्यो तको हे। ईं वाते वो वींकी तागतऊँ दूजी हुगली आत्माने बारणे निकाळ सके हे।”
वीं टेम वाँका भड़े का मंगरा पे गडूरा की एक टोळी चररी ही।
अन ईसू वाँने आग्या दिदी, पछे वीं हुगली आत्मा वीं मनकऊँ निकळन वाँ गडूरा की टोळी में धसगी अन वाँ टोळी, जिंमें दो हजार के, लगे-भगे गडूरा हा, ज्यो मंगरा का ढाळऊँ पड़ता-गुड़ता समन्द में पड़न डुबग्या।
तद्याँ ईसू वींने पूँछ्यो, “थारो नाम कई हे?” वणी क्यो, “मारो नाम टोळी हे, काँके माँ नरई हा।”