39 तो ईसू ऊबा व्या अन डूँज ने तापड़न क्यो, “सान्त वेजा।” अन लेराँ ने क्यो, “ठम जावो।” वीं दाणई डूँज ठमगी अन च्यारूँमेर सान्ती वेगी।
तद्याँ ईसू वणाऊँ क्यो, “हो कम विस्वासवाळा, काँ दरपो हो?” अन वाँकाणी उटन डूँज अन लेराँ ने तापड़ी अन च्यारूँमेर डूँज सान्त वेगी।
पण, ईसू नाव का पाला हिस्सा में हराणो लगान हूरिया हा। चेला वाँने जगान क्यो, “ओ गरुजी, थाँने कई होच कोयने? आपाँ डूबरया हा।”
जदी ईसू देक्यो, मनकाँ की भीड़ वाँका उपरातळी पड़री ही, तो वाँकाणी हुगली आत्माने हुकम दिदो, “हे छोरा ने बेरो-गूँगो करबावाळी आत्मा, मूँ थने केऊँ हूँ, ईंऊँ बारणे निकळजा अन पाच्छी ईंमें मत धसज्ये।”
ईसू वींने तापड़न क्यो, “छानो रे, अन अणी मनकऊँ बाणे निकळजा।” वणी हुगली आत्मा वींने हाराई मनकाँ हामे रेटे पटक्यो अन वींके कई नकसाण ने किदो अन वींमूँ बारणे निकळगी।
ईसू जी वीके हराणे ऊबा रेन अदिकारऊँ ताव उतरबा का वाते क्यो वणीस दाण वींको ताव उतरग्यो अन वाँ वाँकी सेवा-चाकरी करबा लागी।
जद्याँ वी ईसू नके आया अन वाँने नींदऊँ जगान केबा लागा, “हो परबुजी आपीं डुबरिया हा।” तद्याँ वी उठा वेन डूँज अन लेराँ ने हाँको करन तापड़ी अन वी रकगी अन च्यारूँमेर सान्ती वेगी।