29 जद्याँ धान पाक जावे, तो वो तरत वींने दाँतळीऊँ काटे, काँके हाक काटबा को टेम आग्यो हे।”
दुयाँ ने लारे मोटा वेबा दो अन हाक काटबा की टेम में मूँ काटबावाळा केऊँ के, पेली वीं चारा ने बालबा का वाते काटी ले अन पछे खळा में गव भेळा करबा का वाते काटे।’”
धरती अपणेआप धान पेदा करे हे, पेल्याँ गूँपळ, पछे ऊम्याँ अन ऊम्याँऊँ भरपूर धान।
अतराक में एक ओरी हरग-दुत जिंने वादी पे अदिकार हो, वो वेदीऊँ निकळयो अन जिंका नके धार दिदी तकी दाँतळी ही वणीऊँ जोरऊँ हेलो पाड़न क्यो, “थाँरी धार लागी तकी दाँतळीऊँ धरती की वेलड़ीऊँ अंगूर का गुच्छा काटी ले, काँके ईंका अंगूर पाक ग्या हे।”