25 जिंका नके हे, वींने ओरी दिदो जाई अन जिंका नके कई ने हे, वींका नकूँ ज्यो थोड़ो घणो वेई, वो भी ले लिदो जाई।”
ज्यो मारी बाताँ हुणे अन हमजे हे, परमेसर वींने ओरी घणी हमज देई पण ज्यो मारी बाताँने कोयने हुणे अन ने हमजे हे वो ज्यो कई भी हमजे हे वींने भी भुल जाई।
पछे ईसू क्यो, “परमेसर को राज अस्यो हे, जस्यान कुई मनक खेत में बीज बोवे।
ईं वाते ध्यानऊँ हुणो के, थाँ कस्यान हुणरिया हो? जणी का नके हे, वींने ओरू भी दिदो जाई। अन जिंका नके ने हे, वींकाऊँ वो भी ले लिदो जाई, जिंने वीं आपणाँ खुद को हमजे हे।”
ज्याँ डाळी मारा में हे अन फळ ने लावे हे, वो वींने काट नाके हे अन ज्या फळ देवे हे, वींने वो छांगे हे, ताँके वाँ साप वे सके अन ओरी फळ लावे।