17 पण, वो सन्देसो वाँका मन में जड़ ने पकड़े, ईं वाते वीं थोड़ीक देर रूके अन जद्याँ ईं सन्देसा का मस वाँका पे दुक अन हताव आवे, तद्याँ वीं फटाकऊँ आपणाँ विस्वासऊँ छेटी वे जावे हे।
पण आपणाँ में जड़ ने पकड़बा का मस वीं थोड़ाक दनईस रेवे हे, अन जद्याँ परमेसर पे विस्वास करबा की वजेऊँ मनक वाँकाऊँ हव वेवार ने राके अन हतावे तो वीं विस्वास करणो छोड़ देवे हे।
ज्यो कुई मूँ मनक का पूत का विरोद में कई गलती करी, वींकी गलती माप किदी जाई, पण ज्यो कुई पुवितर आत्मा का विरोद में कई गलती करी, तो वींने कदी माप ने किदो जाई।
ज्यो मनक आपणी देह का रूप में हव दिकावो करे हे वीं थाँका पे खतनो कराबा को जोर देवे हे। वीं यो बेस ईं वाते करे हे के, वीं मसी की हूळी का परच्यार का मस हताया ने जावे।
काँके देमास तो ईं दनियादारी का मो-माया में पड़न मने छोड़न थिस्सुलुनिक्यों नगर परोग्यो हे। क्रेसकेस गलातिया नगर में अन तीतूस दलमतिया नगर में परोग्यो हे।
थाँ होचो के, वो मनक कतरो दण्ड भोगी, जणी आपणाँ पगा का रेटे परमेसर का बेटा ने गूँन्दयो हे, अन वो वणी करार का पुवितर लुई जणीऊँ वो पुवितर किदो हो वो वींने एक अपुवितर मान्यो हे अन वणी दया करबावाळी आत्मा को भी अपमान किदो हे।
जो दुक थने जेलणो हे वणीऊँ मती दरप, काँके सेतान थाँका मेंऊँ घणा ने परकबा का वाते जेल में नाक देई। थने वटे दस दनाँ तईं दुक जेलणो पड़ी, पण थूँ हाँचो रेज्ये पलई थाँरी मोत ईं कानी वे जावे। तो मूँ थने जुग-जुग का जीवन को मुकट देऊँ।
मूँ जाणूँ हूँ के, थूँ वटे रेवे हे जटे सेतान की गाद्दी हे। अन मारा ईं नाम पे विस्वास करे हे जद्याँ के, थाँरा नगर में मारो विस्वास जोगो दास अन्तिपास वटे मारिया ग्यो, जटे सेतान की जगाँ हे। तो भी थूँ विस्वासऊँ ने छेटी व्यो।