12 ईं वाते, “‘वीं देके अन देकताई रेई, पण वाँने कई हूजे कोयने। वीं हुणे अन हुणताई रेई, पण वीं कई हमजे कोयने। यद्याँ वीं अस्यान हमजता, तो परमेसर का नके आता अन वो वाँने माप करतो।’”
ईसू वाँने क्यो, “थाँने परमेसर का राज का भेद ने हमजबा की हमज दिदी गी हे, पण दूजाँ ने ईं बात ने केणी में हुणई जावे हे के, “‘वीं देकता तका भी ने देके अन हूणता तका भी ने हुणे।’”
यद्याँ ईं मनक भटक जावे, तो अणाको मन फेरान पाच्छा परमेसर का गेला पे लाणा घणा अबका हे। काँके ईं परमेसर का बेटा ने आपणाँ वाते पाछो हूळी पे चड़ावे हे अन वींने परगट करन वींको अपमान करे हे।