10 पछे जद्याँ वीं एकला हा, तो वींका बाराई चेला की लारे दूजाँ ज्यो अड़े-भड़े लोग-बाग वाँका नके आया। वाँ हंगळा जणा वींने केणी का बारा में पूँछ्यो।
अन वो वाँकाऊँ केणी में घणी बाताँ किदी अन वणी वाँने क्यो, “एक करसाण बीज बोवा निकळयो।
तद्याँ ईसू भीड़ ने छोड़न घरे पराग्या अन वाँका चेला वाँका नके आन क्यो, “चारा की केणी को अरत माँने हमजा।”
ईसू वाँने बतायो, “थाँने तो परमेसर का राज को भेद बता दिदो हे। पण, दूजाँ लोग ज्यो बारणे हे, वाँने वीं हंगळी बाताँ केणी में हुणाई जाई।
बनाई केणी काम में लिदा तका वीं वाँने कई भी ने हुणाता हा, पण जद्याँ हाराई चेला का लारे वीं एकला वेता, तद्याँ हारी बाताँ को मतलब वाँने हमजाता हा।
पछे ईसू क्यो, “जिंके हुणबा का वाते कान्दड़ा हे, वीं हुणे।”
पछे जद्याँ भीड़ ने छोड़न वो घर मयने ग्यो, तो वींका चेला वींने ईं केणी का बारा में पूँछ्यो।