31 वीं दाण वींकी बई अन वींका भई वटे आया अन बारणे ऊबा रेन वींने मयनूँ बलायो।
जद्याँ वाँका परवार का लोगाँ यो हुण्यो, तो वीं वाँने लेबा निकळग्या, काँके कुई मनकाँ क्यो के, वींको मन ठाणे कोयने हे।
ईसू ओ ईं वाते क्यो, काँके कुई मनक केता हा के, वाँमें हुगली आत्मा धस्यी तकी हे।
ईसू का च्यारूँमेर भीड़ बेटी ही अन वणा वींने क्यो, “देक, थारी बई अन थाँरा भई-बेन थने बलारिया हे।”