30 ईसू ओ ईं वाते क्यो, काँके कुई मनक केता हा के, वाँमें हुगली आत्मा धस्यी तकी हे।
यरूसलेमऊँ आया तका मूसा का नेमा ने हिकाबावाळा केता हा, “वींमें हुगली आत्मा को राजा, बालजेबूल धस्यो तको हे। ईं वाते वो वींकी तागतऊँ दूजी हुगली आत्माने बारणे निकाळ सके हे।”
पण, पुवितर आत्मा की कुई नन्दयाँ करे, तो वींने मापी कदी ने मल सके, काँके वो पाप अनंतकाल तईं बण्यो रेई।”
वीं दाण वींकी बई अन वींका भई वटे आया अन बारणे ऊबा रेन वींने मयनूँ बलायो।
वणा मूँ घणा बोलबा लागा, “वींमें हुगली आत्मा हे, अन वो बेण्डो वेग्यो हे, वींकी काँ हुणो हो?”