3 ईसू लकवा का माँदा मनक ने क्यो, “हाराई का हामे ऊबो वेजा।”
वटे एक मनक हो, जिंको हात लुलो हो। मनकाँ ईसू पे दोस लगाबा का वाते वाँकाऊँ पूँछ्यो, “कई आराम का दन कणी मांदाने हव करणो नेमा का हिसाबऊँ सई हे के ने?”
कुई मनक ईं बात पे गात लगान बेटा हा के, ईसू वींने आराम का दन हव करी के ने करी? अणीऊँ वींपे दोस लगाबा को कुई मोको मल जा।
अन वणा लोगाँ ने पूँछयो, “कई हव हे के, आराम का दन किंकोई भलो करणो कन बुरो करणो? किंकोई जीव बंचाणो हव हे कन मारणो?” पण, वीं हंगळा छानारिया।
पण ईसू अणी बात ने जाणग्या हा। ईं वाते वणा वीं मनक ने क्यो, “ऊबो वेजा अन वो हाराई का हामे आन ऊबा वेग्यो।”
जणी मने खन्दायो हे, आपाँने वींका काम दन ईं दन में करणा घणा जरूरी हे, काँके रात वेबावाळी हे जिंमें कुई काम ने कर सकी।
ईं वाते हो विस्वासी भायाँ विस्वास में बना आगा-पाछा व्या गाटा बण्या तका रेवो अन परबू को काम करबा वाते खुद ने त्यार राको, काँके थाँ तो जाणो हो के, परबू वाते किदो ग्यो काम बेकार ने वे जावे।
ईं वाते जतरी भलई कर सको हो वतरी भलई करो, काँके यद्याँ आपाँ भलई करबा में ढिला ने पड़ा, तो हव टेम आबा पे आपाँने वींको फळ मली।
मारो जेळ में रेवा का मस परबू पे विस्वास राकबावाळा नरई भायाँ की हिम्मत बड़गी अन वाँको धिज्यो हव हमच्यार ने बना दरप्या हुणाबा का वाते नरोई बड़ग्यो हे।
जद्याँ मसी देह रूप धारण करन दुक जेल्यो हो, तो थाँ भी वाँके जस्यान मनसा राकता तका जीवन जीवो, काँके जो देह में दुक जेले हे, वो पापऊँ छुटकारो पा लेवे हे।