24 जदी कस्या राज का बचमें फुट पड़ जावे, तो वो राज कदी ने बंच पावे।
ईसू वाँका मन ने जाणन वाँकाऊँ क्यो, “कणी भी राज में यद्याँ फुट पड़ जावे, तो वो नास वे जावे हे अन कुई नगर कन घर-परवार में फुट वेवे हे, वो अटल ने रेई।
ईसू वाँने आपणाँ नके बलाया अन केणी ने काम में लेता तका वाँने केबा लागा, “एक सेतान, दूजाँ सेतान ने कस्यान भगा सके हे?
अन जद्याँ कस्याई घर का लोगाँ बचमें फुट पड़ जावे, तो वो घर कदी ने बंच पावे।
हो बापू, मारी या अरज हे के, वीं हाराई एक वेवे, जस्यान मूँ थाँकामें हूँ अन थाँ मारा में हो, वस्यानीस वीं भी आपाँ में एक वेवे, जणीऊँ दनियाँ विस्वास करे के, थाँ मने खन्दायो हे।