जद्याँ मूसा का नेमा ने हिकाबावाळा ज्यो फरीसी हा वणा देक्यो के, ईसू चुंगी लेबावाळा अन पापी लोगाँ के लारे खाणो खारिया हे, तो वाँका चेलाऊँ क्यो, “ईसू चुंगी लेबावाळा अन पापी लोगाँ की लारे खाणो काँ खावे हे?”
ईं वाते वींका आड़ी चेतो देता रो, काँके वणी वींका खिलाप में किदा ग्यो, पाप्याँ को विरोद ने ईं वाते सेण किदो, ताँके आपीं चन्ता ने कराँ अन थाकन हिम्मत ने छोड़ा।