17 ईसू यो हुणन वाँने क्यो, “हव मनक के वाते एलाज करबावाळा की जरूत ने वे, पण माँदा मनक के वाते जरूत वेवे हे। मूँ धरमियाँ ने कोयने, पण पाप्याँ ने बंचाबा आयो हूँ।”
वणी आपणाँ बापू ने क्यो के, ‘देको, मूँ अतरा सला वेग्या थाँकी हाँचा मनऊँ सेवा कररियो हूँ अन कदी भी थाँका हुकम ने ने टाळ्यो हे, तद्याँ भी थाँ मने एक बकरी को बच्यो भी ने दिदो हे के, मूँ आपणाँ हण्डाळ्याँ का हाते आणन्द मनातो।
मूँ थाँकाऊँ केवूँ हूँ के, अणीईस तरियाऊँ एक मन फेरबावाळा पापी का बारा भी हरग में अतरोइस आणन्द वेगा, जतरो वणा नन्याणूँ धरमी भगताँ का वाते ने वेवे हे ज्याँने मन बदलवा की कई जरुरत ने हे।”
ईंपे ईसू वाँने क्यो, “थाँ अस्या लोग-बाग हो, जी मनकाँ का हामे आपणाँ खुद ने धरमी बतावे हे, पण परमेसर थाँका मन ने जाणे हे। मनक जिंने मोटा हमजे हे, वो परमेसर की देकणी में कई ने हे।
पण पेल्याँ दमिसक का, पछे यरूसलेम का अन यहूदियाँ का हंगळा देसा में रेबावाळा अन जो यहूदी ने हा, वाँने हमजातो रियो, के आपणाँ मन ने फेरो अन परमेसर का आड़ी आवो अन मन फरावा जोगो काम करो।