पण, वो बारणे जान चोड़े-धाड़े ईं बात को परच्यार करबा लागो। ईं वाते ईसू कदी नगर में चोड़े-धाड़े ने जा सक्या, पण वीं हून्नी जगाँ में रेरिया हा अन मनक हर कटूँई वाँका नके आता रिया।
पछे ईसू वीं जगाँ ने छोड़ दिदी अन यहूदियाँ का हिमाड़ा में यरदन नंदी का ईं पाल्डे आग्या। भीड़ च्यारूँमेरऊँ वाँका नके आबा लागी अन वो रोज उपदेस देतो, वस्यान देबा लागो।
ईसू गलील का समन्द के कनारा पे उपदेस देणो सरू किदो अन वटे वींका च्यारूँमेर घणी भीड़ अगेटी वेगी ही, ईं वाते वो समन्द के कनारे एक नाव में जा बेट्यो अन लोगाँ की भीड़ समन्द का कनारे जमीं पे ऊबी री।