पण, मूँ थाँने ईं बात को सबूत दे सकूँ हूँ के, ईं धरती पे मनक का पूत(ईसू) ने यो पूरो हक हे के, वो पापाँ ने माप कर सके।” पछे ईसू वीं लकवा का माँदा मनक ने क्यो,
वो ऊबो व्यो, तरत आपणो माचो तोक्यो अन वाँ हंगळा ने देकतईं देकता वो बारणे परोग्यो। यो देकन हारई जणा अचम्बा में पड़ग्या, अन वाँकाणी परमेसर की बड़ई किदी अन बोल्या, “माँकाणी अस्यी बात कटेई ने देकी।”