पण, वो बारणे जान चोड़े-धाड़े ईं बात को परच्यार करबा लागो। ईं वाते ईसू कदी नगर में चोड़े-धाड़े ने जा सक्या, पण वीं हून्नी जगाँ में रेरिया हा अन मनक हर कटूँई वाँका नके आता रिया।
पछे ईसू वाँ जगाँ छोड़ दिदी अन सूर सेर के अड़े-भड़े का परदेस में निकळग्यो। वटे वो एक घर में ग्यो अन वो ने छातो हो के, किंने भी वींके आबा को पतो चाले, पण वो खुद ने हपा ने सक्यो।
ईसू वाँकाऊँ क्यो, “थाँ मारा पे या केवत जरुर केवो, ‘हे वेद पेल्याँ आपणाँ खुद ने साबत कर। अन यो भी केवो के, कफरनहूँम में ज्यो कई किदो हे वींका बारा में माँ हुण्यो हे, वस्योईस आपणाँ नगर में भी कर।’”
जद्याँ वणी अदिकारी यो हुण्यो के, ईसू यहूदियाँ परदेसऊँ गलील परदेस में आग्या हे, तो वो वाँके नके ग्यो अन वाँकाऊँ अरज करबा लागो के, “चालो, अन मारा छोरा ने हव कर दो, काँके वो मरबा में हे।”