हपता का पेले दन जद्याँ परबू ने आद करबा का जीमणा वाते भेळा व्या तो पोलुस वाँऊँ बात-बच्यार करतो रियो अन दूजे दन जाणो हो, ईं वाते आदी रात तईं बाताँ करतो रियो।
अन जद्याँ भी हपता को पेलो दन दितवार आवे थाँ थाँकी कमई मेंऊँ कईन कई थाँका घर में भेळा करता रेज्यो। जणीऊँ के, मूँ जद्याँ भी अऊँ थाँने दान भेळा करणो ने पड़े।