8 दरप अन अचम्बा में डूबी तकी लुगायाँ कबर पूँ बारणे निकळन भागी। वाँ किंनेई कई बात ने बतई ही, काँके वीं घणी घबरई तकी ही।
वीं लुगायाँ दरपी तकी अन आणन्द का हाते कबर पूँ वाँका चेला ने हव हमच्यार देबा का वाते दोड़न गी।
जद्याँ ईसू बाताँ कर चुक्यो, तो अस्यान व्यो के, भीड़ वाँका उपदेस हुणन अचम्बो करबा लागी।
अबाणू थें जावो अन वींका चेला अन पतरस ने को के, ‘वो थाँकाऊँ पेल्याँईं गलील में जा पूग्यो हे। जस्यान वणी थाँने क्यो हो, वो थाँने वटे मली।’”
हपता के पेले दन दितवार ने वो जीवतो व्या केड़े, हारऊँ पेल्याँ मरियम मगदलीनी का मुण्डागे परगट व्यो, जिंने वे हात हुगली आत्माऊँ छुटकारो दिदो हो।
ईं वाते ने तो बटुवो अन नेई थेलो, नेई एक ओरी जोड़ी पगरख्याँ लो अन नेई गेला में कणीऊँ नमस्कार करबा का वाते रकज्यो।
पण, वीं घबराग्या अन दरपग्या के, “आपाँ तो कस्याई भूत ने देकरिया हा।”