43 ईं वाते अरमतिया को यूसप आयो। वो यहूदी मासबा को मान्यो तको नेतो हो अन परमेसर का राज के आबा की बाट ज्योतो हो। वो हिम्मत करन पिलातुस का भड़े ग्यो अन ईसू की लास माँगी।
वीं टेम में वाँ भी वटे अई। वणी परमेसर को धन्नेवाद दिदो अन ज्यो मनक यरूसलेम ने छुड़ाबा की वाट नाळरिया हा। वणा हाराई ने बाळक ईसू का बारा में बताबा लागगी।
वटे युसुप नाम को एक मनक हो। ज्यो यहूदियाँ का मोटी सबा में मंतरी हो, वो एक घणो धरमी मनक हो। वो वाँकी ईसू ने मारबा की राय में अन वाँका अणी कामाँऊँ राजी कोयने हो अन वो यहूदियाँ का देस में अरमतिया नाम की जगाँ को रेबावाळो हो अन परमेसर की राज बाट नाळवावाळो हो।
अणा बाताँ केड़े अरमतिया को रेबावाळे युसुप ज्यो ईसू ने मानबावाळो हो। पण यहूदी अदिकारियाँ की दरपऊँ आ बात छाने राकतो हो, वणी पिलातुसऊँ अरज किदी के, कई वो ईसू की लास लेजा सके हे। पिलातुस वींकी अरज हूणी अन वो आन ईसू की लास लेग्यो।
तो वटने यहूदियाँ, जानी-मानी लुगायाँ जणी यहूदी धरम ने मान लिदो हो अन नगर का मुक्या ने उकसाया, तो वे पोलुस अन बरनबास पे अन्याव करन हताबा लागा अन दरपाता तका जोरावरीऊँ वाँने आपणाँ अटूँ बारणे निकाळ दिदा।