4 पिलातुस वींने दूजी दाण पूँछ्यो, “कई, थने जबाव ने देणो हे? देक, वे कतरी बाताँ को थाँरा पे दोस लगारिया हे।”
तद्याँ मायाजक ऊबा वेन ईसुऊँ क्यो, “ईं मनक, थाँरा विरोद में ईं गवायाँ देरिया हे, थूँ खुद ने बंचाबा का वाते काँ ने बोलरियो हे?”
ईंपे पिलातुस वींने क्यो, “कई थूँ ने हुणरियो हे के, ईं थाँरा विरोद में कतरी गवायाँ देरिया हे?”
पछे मुक्य याजकाँ वींपे नरई दोस लगाया।
पण, ईसू अबे भी कई जबाव ने दिदो। ईं बात पे पिलातुस ने घणो अचम्बो व्यो।
ईंपे पिलातुस ईसुऊँ क्यो, “थूँ माराऊँ काँ ने बोलरियो हे? कई थूँ ने जाणे के, थने छोड़बा को हक मारा नके हे अन थने हूळी पे चड़ाबा को भी मने हक हे?”