38 तद्याँईस मन्दर को परदो ऊपरेऊँ रेटे तक फाटन दो टुका वेग्यो।
काँके सुरज भी ने चमकरियो हो अन मन्दर को परदो फाटन दो टुकड़ा वेग्यो।
वाँ आस आपणाँ जीवन का वाते अस्यो लंगर हे ज्यो एक जगाँ पाको हे ज्यो हाली ने सके हे। अन आपणी आस का वजेऊँ आपाँ अस्यान का हा, मानो आपाँ परमेसर की वीं जगाँ में पराग्या, जटे मायाजकइस जा सके हे, ज्या परदाऊँ ढाकी तकी हे।