36 जदी एक मनक दोड़न खाटा अंगूरा का रस में डूब्यो तको रुँई को फुम्बो एक कामड़ी में टाँकन लायो अन ईसू ने सूँकवा का वाते दिदो अन क्यो, “रुको, देकाँ ईंने रेटे उतारबा ने एलियो आवे कन ने आवे।”
वाँका मूँ एक तरत दोड्यो, अन रुँई का फूबाँ ने खाटा अंगूरा का रस में डबोक्यो अन लाकड़ी पे मेलन वींने सुकायो।
जदी वाँ वींने मीर नाम की ओगद मलायो तको खाटा अंगूरा को रस पिबा ने दिदो। पण, वाँकाणी वींने ने पिदो।
ज्यो वाँका भड़े हो, वाँ जदी ओ हुण्यो। तो वे बोल्या, “हुणो, ओ एलिया ने बलारियो हे।”
पछे ईसू ज्योरऊँ हाको किदो अन जीव छोड़ दिदो।
सपई भी वाँका नके आन खाटा अंगूरा का रस में डुबायो तको फूंबो पिबा का वाते दिदो अन रोळ करन क्यो,