24 पछे वींने हूळी पे चड़ा दिदो अन वाँका गाबा कूणी लेई, वींका वाते गोट्याँ नाकी।
जद्याँ ईसू बोल्या, “ओ बापू, अणाने माप कर दो, काँके ईं लोग ने जाणे हे के, ईं कई कररिया हे।” पसे सपायाँ कागद की गोट्याँ नाकन वाँका गाबा बाँट लिदा।
ईसू ने परमेसर आपणी पाक्की ओजणा अन पेली का ग्यानऊँ होच-हमजन थाँने हूँप्यो अन थाँकाणी वींने नीच मनकाँ का हाताँ में पकड़वान हूळी पे खीलाँ ठुकवान मरवा नाक्यो।
ईं आपणाँ बड़ाबा का परमेसर, ईसू ने मरयाँ तकाऊँ पाछो जीवतो करन ऊबो कर दिदो हे, जिंने हूळी पे लटकान थाँ लोगाँ मार नाक्यो।
अन जणी कदीई पाप ने किदो वींने परमेसर आपणाँ पापाँ का वाते बली बणायो जणीऊँ आपाँ परमेसर का हामे सई मान्याँ जावाँ।
ईसू मसी ज्यो आपणाँ वाते हरापित व्यो अन आपाँने वणा मूसा का नेमाऊँ छोड़ाया, काँके सास्तर में लिक्यो हे के, “ज्यो कुई हूळी पे लटकायो जाई वो हरापित वेई।”
वीं आपणाँ पापाँ ने खुद की देह पे लेन हूळी पे चड़ग्या, ताँके आपाँ पाप का वाते मरन धारमिकता का वाते जीवन जीवाँ, वींके मार खाबा के वजेऊँ थाँ हव व्या हो।