19 वे वींका माता पे लाटी ठोकरिया हा। वे वींपे थूँकरिया अन आगे गोडा टेकन धोग देरिया हा।
अन वींपे थूँक्यो अन वाईस कामड़ी लेन वाँका माता पे ठोकबा लागा।
अन वीं वाँकी रोळ केरी अन वाँका पे थूँकी, वीं वाँके कोड़ा मारी अन पछे वींने मार नाकी, पण तीजे दन वो पाछो जीवतो वे जाई।”
जदी मनक वींपे थूँक्यो अन वींको मुण्डो ढाँकन मुक्की ठोकी अन केबा लागा, “आगेवाणी करन बोल थारे कूण ठोकी?” अन पछे पेरादारा वींने पकड़न रेपटाँ मारी।
पछे वींकी रोळ करबा के वाते नमस्कार करन केबा लागा, “यहूदियाँ का राजा की जे हो।”
अस्यान जदी वाँकी रोळ करन, वींका दरबारी गाबा उतार्या अन वींने आपणाँ खुद का गाबा पेरा दिदा अन पछे वींने हूळी पे चड़ाबा ने लेग्या।
ईसू वाँने क्यो, “हा, हारी बात ने हव करबा वाते एलियो जरुर आई। पण मनक का पूत(ईसू) के वाते यूँ काँ लिक्यो हे के, वींने घणो दुक जेलणो पेड़ी अन मनक वींने नकार देई?
जणा मनक ईसू जी ने पकड़ राक्या हा, वी वाँकी रोळ करन वाँने कुटबा लागा।
तद्याँ दरबार हेरोदेस आपणाँ सपायाँ का हाते मलन बुरा वेवार करन वींकी रोळ किदी अन वींने जामूणिया रंग का गाबा पेरान वींने पिलातुस का नके पाछो खन्दा दिदो।
सपई भी वाँका नके आन खाटा अंगूरा का रस में डुबायो तको फूंबो पिबा का वाते दिदो अन रोळ करन क्यो,
पण परमेसरऊँ वींने कई जवाब मल्यो, “में मारा वाते हात हजार मनकाँ ने बंचा मेल्या हे, ज्यो जूटा देवता बाल का आगे गोडा ने टेकी।”
ताँके हरग में अन धरती पे अन धरती का रेटे रेवे हे, वीं हारई ईसू का नाम ने मान देबा का वाते गोडा टेके हे।
ईं वाते आवो, वींका अपमान ने आपणाँ ऊपरे लेन नगर का बारणे वींका नके परा जावा।