काँके मसी ने मानबाऊँ पेल्याँ आपाँ भी बना ग्यान का, केणो ने मानबावाळा, भटक्या तका अन हरेक तरियाँ की मो-माया का गुलाम हाँ। आपणो जीवन बुरई अन मेपणाऊँ भरियो हे। अन आपाँ एक-दूजाऊँ दसमणी राकता हाँ।
आपाँने केन का जस्यान ने वेणो हे, ज्यो सेतान का आड़ीऊँ हो, जणी आपणाँ भई ने मार दिदो हो। काँके वींके भई का काम धरम का हा अन केन का काम बुरा हा, ईं वजेऊँ वणी वींने मार नाक्यो।