65 जदी मनक वींपे थूँक्यो अन वींको मुण्डो ढाँकन मुक्की ठोकी अन केबा लागा, “आगेवाणी करन बोल थारे कूण ठोकी?” अन पछे पेरादारा वींने पकड़न रेपटाँ मारी।
अन वींपे थूँक्यो अन वाईस कामड़ी लेन वाँका माता पे ठोकबा लागा।
अन वीं वाँकी रोळ केरी अन वाँका पे थूँकी, वीं वाँके कोड़ा मारी अन पछे वींने मार नाकी, पण तीजे दन वो पाछो जीवतो वे जाई।”
वे वींका माता पे लाटी ठोकरिया हा। वे वींपे थूँकरिया अन आगे गोडा टेकन धोग देरिया हा।
जद्याँ ईसू अस्यान क्यो तो मन्दर को एक चोकीदार ईसू का नकेईस ऊबो हो वणी ईसू के छापट मारन क्यो, “कई मोटा याजक ने जवाब ईं तरिया देवे हे?”
अन वींका नके आन क्यो, “यहूदियाँ का राजा अमर रेवे!” अन वींके रेपटाँ मेली।
ईं बात पे हनन्या नाम के मोटे याजक पोलुस नके ऊबा मनकाँ ने पोलुस के मुण्डा पे रेपट मेलबा की आग्या दिदी।
विस्वास का मालिक अन वींने सिद करबावाळा ईसू मसी का आड़ी आपाँ देकता रा। जणी आपणाँ हामें राक्या तका आणन्द का वाते लाज-सरम की चन्ता ने किदी अन हूळी पे दुक जेल्यो अन परमेसर की गादी के जीमणे पाल्डे जान बेटग्यो।