63 मायाजक आपणी रीसऊँ जब्बो फाड़न क्यो, “माने ओरी गवई की जरूत ने हे।
ईं बात पे मायाजक आपणाँ गाबा फाड़न अन क्यो, “अणी परमेसर की नन्दयाँ किदी हे, अबे मारे गुवा की कई जरूत ने हे? देको, थाँ अबाणू ईंने परमेसर की नन्दया हामळी हे।