आपाँ जाणा हाँ के, ईं धरती पे आपणी देह रूपी घर भगाड़ दिदो जाई पछे आपाँने परमेसर का आड़ीऊँ हरग में कदी नास ने वेबावाळो घर मली वो मनकाँ का हाताऊँ बणायो तको ने वेई।
पण मसी अणा हव हव चिजाँ को मायाजक बणन आयो हे। तो वीं हात का बणाया तका तम्बू में ने, पण अणीऊँ भी मोटा अन सिद तम्बू में सेवा करे हे। मतलब वो तम्बू अणी दनियाँ को भाग ने हे।
काँके मसी हात का बणई तकी पुवितर जगाँ में ने ग्यो, ज्या जगाँ हाँची पुवितर जगाँ की नकल का जस्यान हे, पण हरग में ग्यो हे, ताँके आपणाँ वाते परमेसर का हामें पेरवई वेवे।