50 पछे वींका हारई चेला वींने छोड़न भागग्या।
ईसू वाँने क्यो, “थें हारई मने छोड़न भाग जावो। काँके परमेसर का बचना में लिक्यो हे, ‘मूँ गारा की रुकाळी करबावाळा ने मार नाकूँ अन गारा बकर जाई।’
रोज मन्दर में उपदेस देतो तको मूँ थाँकी लारे हो, पण थाँ मने ने पकड़्यो। अबे अस्यान, ईं वाते व्यो के, परमेसर का सास्तर को बचन पूरो वे सके।”
बना गाबा पेरियाँ अन चादरो ओड़या तको एक मोट्यार वाँका पाछे-पाछे आयो, तो मनक वींने पकड़बा लागा।
देको, वा टेम आरी हे पण आगी हे के, थाँ हाराई अटने-वटने वेन आपणो आपणो गेलो नापो, अन मने एकलो छोड़ देवो। पण मूँ एकलो कोयने काँके बापू मारे लारे हे।
ईसू वाँने जबाव दिदो, “मूँ तो थाँने के चुक्यो हूँ के, मूँ वोईस हूँ। यद्याँ मनेइस होदरिया हो तो अणाने जाबा दो।”
पेलकी दाण कोरट में मारा बचाव में मारी मदत कणी ने किदी, पण हाराई का हाराई मने छोड़ दिदो, भलो वे के, परमेसर वणाऊँ ईंको हस्याब ने लेवे।